Publisher: Sri Aurobindo Ashram Publication Department, Pondicherry ISBN: 978-81-7058-919-8
About Mataji ke Patra (Bhag 1)
इस खण्ड में श्रीमां का साधकों, विद्यार्थियों, शिक्षकों और अपने पुत्र आन्द्रे के साथ १९२७से १९७२ के बीच हुआ पत्र-व्यवहार है जिसमें कर्म, शिक्षा, व्यक्तिगत सम्बन्ध और योग-साधना आदि अनेक विषयों पर श्रीमां ने प्रकाश डाला है ।