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जय माँ : श्रीमाँ की सेवा
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श्रीमां की सेवा चौबीसों घण्टे करने के लिए हमें उनका सतत स्मरण, मनन करना चाहिये। हम जो करें उन्हें समर्पित करते चलें तो जीवन कृतकृत्य हो उठेगा। श्रीमां ने स्वयं कहा है, "परम सुख है भगवान् का सच्चा सेवक बनने में।"